सैक्स लाइफ के प्रति उदासीन न रहें करियर वुमन

उषा जैन ’शीरीं‘
करियर बनाने की चाह में औरतों ने क्या खोया क्या पाया, यह एक लंबी बहस का विषय है। यह एक उलझा हुआ मुद्दा है। अपनी राय कायम करने का सब को समान अधिकार है पर अपनी राय दूसरे पर थोपने का अधिकार किसी को नहीं।
औरत के काम पर जाने से रिश्तों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। घर, पति और बच्चे उपेक्षित होते है, इसे नकारा नहीं जा सकता। लाख मल्टीटास्क और क्वालिटी टाइम की बात की जाए, स्त्राी कोई सुपर वुमन तो है नहीं। उसकी कार्यक्षमता की भी सीमा है। बैट्री उसकी भी लो होती ही है। ऐसे में जाहिर है उसकी सैक्स लाइफ भी ‘सफर’ करती है जबकि ऐसा होना नहीं चाहिए क्यांेकि शादीशुदा जिन्दगी में सैक्स की बहुत अहमियत होती है।
सैक्स आधार स्तंभ – भारतीय समाज में सैक्स लाइफ विवाह के बाद ही शुरू होती है। पति पत्नी के बीच एक संतृप्त सैक्स लाइफ जहां उन्हें नजदीक लाती है, वहीं संतुष्टि भी प्रदान करती है। विवाहेत्तर संबंधों से भी सुरक्षित रखती है। शोध बताते हैं कि शादी टूटने का एक मुख्य कारण असंतुष्ट सैक्स लाइफ भी है। ‘करियर वुमन’ का अपने प्रमोशन व ऑफिस कार्य को लेकर बेहद तनावग्रस्त रहना उसकी सैक्स लाइफ पर बुरा असर डालता है और उसमें वो हार्मोंस नहीं बन पाते जो उत्तेजना पैदा करते हैं।
तनाव हावी न होने दें – सैक्स महज एक ‘फिजिकल एक्सरसाइज’ नहीं है। महिलाओं की साइकॉलॉजी और उनकी भावनाएं इससे जुड़ी होती हैं। जब तक सैक्स में बॉडी एंड सोल दोनों शामिल न हों, वह पूर्णता का अहसास नहीं देता।
इसलिए करियर वुमन को तनाव को चैनेलाइज करना आना चाहिए। ऑफिस की टेंशन घर पर लाने से बचना चाहिए। समस्या होती हैं तो समाधान भी तो होते हैं। पति या जो भी समझदार व्यक्ति आपके क्लोज और विश्वसनीय हों, आप उनसे मशवरा ले सकती हैं।
अपने को फिट रखें – फिटनेस को लेकर निस्संदेह आज जागरूकता बढ़ी है। मीडिया, पत्रा पत्रिकाएं, किताबें इसके प्रचार प्रसार में बहुत मददगार हैं। स्वामी रामदेव के बाद तो जैसे फिटनेस गुरूओं की बाढ़ सी आ गई है। प्राणायाम, लौकी के जूस के फायदे आज सभी जानते हैं।
फिटनेस और सैक्स में गहरा संबंध है। शारीरिक रूप से फिट होने पर ही सैक्स में रूचि रहेगी। ऑफिस में देर तक कुर्सी पर बैठे रहने से शरीर में चुस्तीफुर्ती कम होने लगती है। गलत पॉस्चर भी शरीर के लिए नुक्सानदेह है। कई बार कई घंटों तक लगातार कंप्यूटर के आगे बैठने से सिर दर्द, आंखों में जलन की शिकायत हो सकती हैं, अवसाद घेर सकता हैं। लगातार कंप्यूटर के आगे न बैठें। बीच-बीच में उठकर कुछ चहलकदमी करें। हल्की-फुल्की एक्सरसाइज कर लें। यह काम आप वॉशरूम में भी कर सकती हैं।
खान-पान पर भी पूरी तवज्जो दें। यह नहीं कि समय की कमी के कारण केवल जंकफूड से ही काम चलाती रहें। यह आदत की बात है। हैल्दी डायट के बारे में आजकल पत्रा पत्रिकाओं व टीवी. से सलाह मिल जाती है। तला गरिष्ठ भोजन पाचन शक्ति पर बुरा असर डालता है। हल्का सात्विक भोजन जो आम तौर पर खाया जाता है वही ठीक है। हरी सब्जी, दाल दही, सलाद और सूखी चपाती, फ्रूट्स और ढेर सारा पानी हैल्थ के लिए बेस्ट है।
रिश्तों में ताजगी कैसे – बहुत छोटी-छोटी बातें होती हैं जो रिश्ते को सींचती हैं। इनके अभाव में विवाह का नन्हा सा पौधा वट वृक्ष नहीं बन सकेगा। माना आपका करियर आपको व्यस्त रखता है, इसी तरह पतिदेव भी महानगर की जिंदगी के कारण अति व्यस्त रहते हैं लेकिन मोबाइल की सुविधा है जिससे आप दोनों टच में रह सकते हैं। आप एक दूसरे की कितनी केयर करते हैं, यह जताने का कोई मौका न गंवायें। एक दूसरे का आत्म विश्वास बढ़ाते रहें। इससे पॉजिटिव एनर्जी पैदा होती है। एक दूसरे को गिफ्ट देने में कोताही न करें। अपने प्रिय से गिफ्ट लेना सभी को अच्छा लगता है। वीकएंड पर घूमने का प्रोग्राम, पिक्चर रेस्त्रां में ट्रीट, आउंिटंग जैसी मौज मस्ती भी ताजादम होने के लिए जरूरी है।
पति से मदद लंे – पति से मदद लेने में संकोच न करें। यह अवश्य है कि कई बार ऐसे में संस्कार आड़े आते हैं। आप अपराध बोध से घिर सकती हैं लेकिन जब आप उन्हंे आर्थिक सहयोग दे रही हैं तो उनका भी फर्ज बनता है कि वे गृहकार्यों में आपकी मदद करंे और सिर्फ गृहकार्यों में ही क्यों, आप हर मोड़ पर उनसे मदद ले सकती है।
पुरूष स्त्राी के भावनात्मक पहलू को जरा कम ही समझते हैं। ऐसे मेें आप उन्हें विश्वास में लेकर अपनी भावनाओं को उनसे बांट कर उन्हें राजदार बना सकती हैं। प्यार बढ़ेगा, तभी नजदीकियां सुखद अहसास से आपको तरोताजा रखेगी।